कृषि बिल को राहुल ने बताया देश की नींव को कमजोर करने वाला कानून, पीएम के पुनर्विचार करने पर जताया भरोसा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कृषि बिल को राहुल ने बताया देश की नींव को कमजोर करने वाला कानून, पीएम के पुनर्विचार करने पर जताया भरोसा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने “प्रधानमंत्री से कहा है कि इस विषय पर वह फिर से सोचें। मंडी और समर्थन मूल्य की प्रणाली में कोई कमी है तब उसे सुधारा जाए लेकिन व्यवस्था को खत्म न किया जाए।”

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को किसानों, मजदूरों तथा देश की नींव को कमजोर करने वाला बताते हुए शनिवार को भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों पर पुनर्विचार करेंगे। गांधी रविवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राज्योत्सव कार्यक्रम को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
राहुल गांधी ने इस दौरान राज्य की जनता को बधाई दी और कहा, “यह मुश्किल समय है। देश में कोविड महामारी तेजी से फैल रही है। ऐसे समय में जो कमजोर लोग होते हैं उन्हें सबसे ज्यादा कठिनाई होती है। किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, हमारी माताएं, बहनें, हमारे युवा, इन को सबसे ज्यादा कठिनाई होती है।”
उन्होंने कहा, “देश में किसान की हालत के बारे में सभी को जानकारी है। किसानों की आत्महत्या की खबरें मिलती रहती हैं। एक तरह से देश ने स्वीकार कर लिया है कि किसान आत्महत्या करते हैं, लेकिन हमें स्वीकार नहीं करना है। हमें किसान, मजदूर, छोटे दुकानदारों की रक्षा करनी चाहिए। उनके साथ मिलकर खड़ा होना चाहिए, क्योंकि किसान और मजदूर इस देश की नींव हैं। अगर वह कमजोर होंगे तब यह नींव कमजोर होगा। यदि हम उनकी रक्षा करते हैं तब देश मजबूत होगा।”
गांधी ने कहा कि मुझे दुख हो रहा है कि देश में किसानों पर आक्रमण हो रहा है। उन्होंने कहा, “मैंने कुछ दिनों पहले बिहार में चुनावी भाषण में कहा था कि समर्थन मूल्य और मंडियों की जरूरी जगह है। यह किसानों और मजदूरों की रक्षा करते हैं। यदि इस व्यवस्था को खत्म कर देंगे तब हमारे किसान और मजदूर नष्ट हो जाएंगे। नींव कमजोर हो जाएगी। इसलिए हम कृषि से संबंधित तीन कानूनों के खिलाफ पूरे देश में लड़ रहे हैं।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने “प्रधानमंत्री से कहा है कि इस विषय पर वह फिर से सोचें। मंडी और समर्थन मूल्य की प्रणाली में कोई कमी है तब उसे सुधारा जाए लेकिन व्यवस्था को खत्म न किया जाए। मुझे पूरा भरोसा है कि देश के किसानों की भावनाएं सामने आएंगी तब प्रधानमंत्री इन तीन कानूनों पर पुनर्विचार करेंगे।”
राज्योत्सव के प्रथम चरण के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 18.38 लाख किसानों के खाते में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त का अंतरण किया। वहीं इस कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना और मुख्यमंत्री शहरी झुग्गी बस्ती स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत राज्य के 30 नगरीय झुग्गी इलाकों में सचल अस्पताल सह प्रयोगशाला का शुभारंभ किया गया।
इन नए कार्यक्रमों को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि राज्य सरकार ने जो कार्यक्रम शुरू किए हैं वह नींव को सुरक्षा करने वाले कार्यक्रम हैं। इससे न केवल किसानों या युवाओं को फायदा होगा बल्कि देश को मजबूती मिलेगी। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना को लेकर गांधी ने कहा कि हिंदी और स्थानीय भाषाओं की अपनी जगह है लेकिन अंग्रेजी भाषा युवाओं को विश्व भर में मौका देती है। उनका मानना है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को बड़े से बड़ा मौका मिलना चाहिए। 
गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पास जल, जंगल, जमीन सब है। छत्तीसगढ़ गरीब प्रदेश नहीं है, यहां की जनता गरीब है। छत्तीसगढ़ में जो धन है वह चुने हुए हाथों में नहीं जाना चाहिए। यह धन प्रत्येक नागरिक का है। सभी के हाथ में जाना चाहिए। यह छत्तीसगढ़ को बनाने के लिए जाना चाहिए। स्कूल और कॉलेज में जाना चाहिए विश्वविद्यालय, अस्पताल खोलने में जाना चाहिए। मुझे खुशी है कि हमारी पूरी टीम मिलकर छत्तीसगढ़ में यह काम कर रही है।

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