कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल व डीज़ल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर सोमवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह सरकार चलाने के लिए लोगों की जेब से जबरन पैसा निकाल रही है। स्वायत्त महिला कॉलेज सेंट टेरेसा की छात्राओं से यहां बातचीत करते हुए गांधी ने अर्थव्यवस्था की हालत चरमराने के लिए सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।
चुनाव प्रचार के लिए केरल पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “ समस्या कुछ और वक्त तक जारी रहेगी, क्योंकि कुप्रबंधन काफी ज्यादा और गहरा है।” उन्होंने कहा कि लोगों के हाथ में अधिक पैसा देना इस संकट से निकलने का एकमात्र तरीका है, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है और कह रही है, “अधिक उत्पादन करो।”
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में कमी के बावजूद पेट्रोल व डीज़ल के मूल्य में वृद्धि को लेकर किए गए सवाल पर गांधी ने कहा, “हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था को शुरू करने का तरीका यह है कि उपभोग शुरू किया जाए। लोगों को पैसा देने से वे चीज़ों का उपभोग करना और सामान खरीदना शुरू कर देंगे।”
उन्होंने कहा, “ नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था को बहुत क्षति पहुंची है। यह पहले से कमजोर थी। इसके बाद, जब कोविड-19 महामारी आई तो अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढह गई।” उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के काम करने के लिए सद्भावना का माहौल होना अनिवार्य है।
गांधी ने कहा, “अर्थव्यवस्था नहीं चलने की वजह से सरकार के पास पैसा नहीं है। वे कर और पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं। इसलिए वे अब आपकी जेब से–पेट्रोल और डीज़ल के लिए– जबरन पैसा ले रहे हैं और सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, “ आपको सद्भाव, शांति और सुकून की जरूरत है और आपको एक रणनीति चाहिए। इसी वजह से समस्या है।”