सितारगंज : नगर पंचायत शक्तिगढ़ में राजीव आवास योजना में घोटाला सामने आया है। इस मामले की जांच डीएम की तरफ से गठित कमेटी ने की थी। जांच में योजना में अनियमितता व पात्र लोगों को लाभ न देकर सरकारी धन के दुरूपयोग का मामला सामने आया हैं। इस मामले में अधिकारियों व कर्मचारियों पर तो गाज गिरेगी ही जनप्रतिनिधि भी लपेटे में आ रहे हैं। शक्तिगढ़ नगर पंचायत में केन्द्र व राज्य सरकार की राजीव आवास योजना में घोटाले की शिकायतें काफी समय से की जा रही थी। इसे लेकर प्रेम कुमार अरोरा व रमेश राय ने हाईकोर्ट की शरण ली।
इसके बाद न्यायालय ने जिलाधिकारी को मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने जांच समिति की। समिति ने 298 आवासों की जांच की। जिनमें प्रथम दृष्टया अनियमितता पाई गई। जांच में जो लोग दोषी पाये गये उनमें नगर पंचायत शक्तिगढ़ के पूर्व अधिशासी अधिकारी जयवीर सिंह राठी, अधिशासी अधिकारी सरिता राणा, लिपिक सुरेश सिंह बाबू, तत्कालीन अवर अभियंता रावेन्द्र पाल सिंह, चेयरमैन सुकांत ब्रम्ह, वार्ड सभासद शगुन गुप्ता, उपेन्द्र सिंह, मीना सरकार, कालाचांद दास के साथ ही संजीव गुप्ता, ठेकेदार कैलाश चंद्र माहेश्वरी, रमेश मिश्रा, जसविन्दर सिंह, सुनील अरोरा, हरविलास, अशोक कुमार व बैंक के तत्कालीन मैनेजर सिद्धार्थ कुमार शामिल है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने जांच कमेटी/उपजिलाधिकारी सितारगंज की जांच आख्या में की गई संस्तुतियों के आधार पर कार्यवाही के लिए सचिव शहरी विकास विभाग को पत्र भेजा है। उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा के मंडलीय प्रबंधक हल्द्वानी को भेजे पत्र में बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक सिद्धार्थ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही को कहा है।
डीएम ने दोषी पाये गये सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता से विधिक राय मांगी है। साथ ही अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग को हुए शासकीय धन के अपव्यय का आंगणन करने का निर्देश दिया है। इस जांच के बाद इससे संबंधित लोगों में हड़कंप मचा है।
– रमेश यादव