राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को बीते दिन रिहा कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री के 7 हत्यारों में से एक ए.जी पेरारिवलन को बुधवार को जमानत दे दी। अब पेरारिवलन की रिहाई को लेकर कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई में मतभेद पैदा हो गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के.एस. अलागिरी ने दोषी की रिहाई के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई है और कहा है कि “पेरारिवलन निर्दोष नहीं था और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वैधता का हवाला देते हुए छोड़ दिया और सुप्रीम कोर्ट ने पहले सात दोषियों को यह जानकर दंडित किया था, कि वे हत्यारे हैं।”
हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. तिरुवनवकारसु ने कहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने कभी नहीं कहा कि इन दोषियों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि राहुल और सोनिया दोनों को पेरारिवलन की रिहाई पर कोई पछतावा नहीं होगा।
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इस बीच, राज्य कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई पेरारिवलन की रिहाई के खिलाफ मौन विरोध मार्च निकालेगी। अलागिरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से गुरुवार को मौन मार्च निकालने का आह्वान किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अपने मुंह को सफेद कपड़े से ढकेंगे और तख्तियां पकड़ेंगे, जिसमें लिखा होगा, “हम आतंकवाद का विरोध करते हैं। किसी व्यक्ति की हत्या करना मतभेद का समाधान नहीं होगा।”
जबकि तमिलनाडु के राजनीतिक दल पेरारिवलन की रिहाई का समर्थन कर रहे हैं और द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों रिहाई का श्रेय लेने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं। अन्नाद्रमुक नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्रियों, ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने कहा है कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने की पहल की थी और कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला तत्कालीन स्टैंड पर आधारित है।
राज्य कैबिनेट दोषियों को रिहा करेगी। अन्नाद्रमुक के पूर्व अंतरिम महासचिव वी.के. शशिकला ने यह भी कहा है कि स्वर्गीय जे. जयललिता के राजनीतिक रुख के कारण पेरारिवलन को रिहा किया गया।