मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि कोयले की बिजली से पर्यावरण को नुकसान होता है, इसलिए प्रदेश में सूरज से बिजली बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।
चौहान यहां वृक्षारोपण कार्यक्रम एवं अंकुर अभियान से जुड़ वॉलंटियर्स को संबोधन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए हम बैंक से ऋण की गारंटी लेंगे। बिजली सरकार खरीदेगी, जिसमें लगभग 70 से 80 पैसे प्रति यूनिट का मुनाफा मिल सकेगा। उन्होंने किसान भाई-बहनों से कहा कि वे अपने खेतों में 2 मेगावॉट तक सौर ऊर्जा का संयंत्र लगा सकते हैं। उनके उपयोग के बाद बची हुई बिजली को सरकार खरीदेगी।
मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा है कि आवश्यकता अनुसार ही बिजली का उपयोग करें, बिजली बचाएं। प्रदेश में गरीब, किसान और आम उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए सरकार 21 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है। बिजली महंगी है, लेकिन हम सस्ती दे रहे हैं।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जो पंचामृत मंत्र दिया है, मध्यप्रदेश उनके इस मंत्र को आत्मसात कर प्रकृति संरक्षण की दिशा में हरसंभव योगदान देगा। सौर ऊर्जा के लिए जितने भी उपकरण की आवश्यकता होती है, वह मध्यप्रदेश में ही बनाए जाएंगे। जिससे यहां उद्योग धंधों की स्थापना होगी और लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि अगले साल 22 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 1 दिन पूर्व 21 फरवरी को पूरी उज्जैन नगरी का विशेष श्रृंगार, सजावट किया जाएगा। महाशिवरात्रि हम धूमधाम से मनाएंगे। पूरे नगर में दीप मालिकाएं सजेंगी।