महाराष्ट्र में 'वसूली अघाड़ी सरकार', पवार किस मजबूरी में कर रहे हैं देशमुख को डिफेंड : रविशंकर प्रसाद - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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महाराष्ट्र में ‘वसूली अघाड़ी सरकार’, पवार किस मजबूरी में कर रहे हैं देशमुख को डिफेंड : रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है। आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दस्तावेजों के साथ बातें कही हैं कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी और छोटे-मोटे अधिकारियों की ही नहीं, बड़े-बड़े आईपीएस अधिकारियों की भी।

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भी एक ‘खेला’ हो रहा है। मैंने सिर्फ महाराष्ट्र एटीएस की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी, जहां केवल एक बयान दिया गया था और कोई सवाल नहीं उठाया गया … महाराष्ट्र में जो हो रहा है, वह ‘विकास’ नहीं है, यह ‘वसूली’ है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ है।
महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है। आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दस्तावेजों के साथ बातें कही हैं कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी और छोटे-मोटे अधिकारियों की ही नहीं, बड़े-बड़े आईपीएस अधिकारियों की भी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनआईए ने अनुरोध किया है कि मनसुख हिरेन की मौत की जांच हमें दे दी जाए, वो जांच महाराष्ट्र सरकार ने अब तक एनआईए को नहीं दी है। इस पूरे मामले की व्यापक जांच क्यों नहीं होनी चाहिए।
महाराष्ट्र सरकार को कौन चला रहा है
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कौन चला रहा है? इस वसूली अघाड़ी की राजनीतिक दिशा क्या है? शरद पवार जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि वो गृह मंत्री देशमुख का इतना बचाव कर रहे हैं वो भी गलत तरीके से। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री जी ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा? 
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े IPS ऑफिसर्स की भी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे। लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया।
उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच को क्यों रोका जा रहा है
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सचिन वाजे सस्पेंडेड था, करीब 15-16 वर्षों तक, वो शिवसेना का सदस्य बनता है। उसे कोरोना काल में reinstate करते हैं। उसके बाद उन्हें ही 100 करोड़ वसूली का टार्गेट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है?
शरद पवार आप देश को बताएं कि आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा
उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार जी से कहना चाहूंगा कि आप कृपया देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा? उन्होंने कहा कि दो दिनों में शरद पवार जी की राजनीतिक साख पर जो बहुत बड़ा धब्बा लगा है, उसका एकमात्र रास्ता है​ कि शरद पवार अनिल देशमुख का इस्तीफ़ा कराएं। उद्धव ठाकरे की सरकार शासन का नैतिक अधिकार खो चुकी है।
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी है और कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के पत्र में लगाए गए गए देशमुख के खिलाफ आरोप ‘अस्पष्ट’ हैं। गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह के शनिवार को यह कहते ही बवाल मच गया कि देशमुख ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे से मुंबई के रेस्तरां, बार, पब आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था। वाजे वही अधिकारी हैं जिन्हें एसयूवी मामले में गिरफ्तार किया गया है।

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