गोवा में कोविड-19 से संक्रमण दर पिछले महीने के 51 प्रतिशत से घटकर करीब 20 प्रतिशत हो गई है। राज्य सरकार ने इस बारे में बताया। गोवा में कोविड-19 पर विशेषज्ञ समिति के प्रमुख डॉ शिवानंद बांदेकर ने कहा कि गोवा सरकार ने कोई नरमी नहीं बरती है और टीकाकरण पर जोर देने समेत वायरस की रोकथाम के लिए सारे प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह तक तटीय राज्य में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के कुल 12 मामले आये थे और तब से ब्लैक फंगस का कोई नया मामला नहीं आया है।
गोवा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार राज्य में सोमवार को संक्रमण दर करीब 20 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि 30 अप्रैल को यह 51 प्रतिशत थी। बांदेकर ने कहा,‘‘विशेषज्ञों के अनुसार 90 प्रतिशत संभावना है कि राज्य में करीब एक-डेढ़ महीने (मध्य जुलाई) में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है।’’ बांदेकर ने कहा कि लेकिन राज्य सरकार सतर्क है और वायरस की रोकथाम के लिए सारे प्रयास कर रही है। बांदेकर राजकीय गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन भी हैं।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ का अनुमान है कि तीसरी लहर में 18 साल से कम उम्र के बच्चे प्रभावित हो सकते हैं और इसका राज्य के ग्रामीण इलाकों में असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा,‘‘अब तक शहरी इलाकों के वयस्क प्रभावित हुए हैं। कुछ हद तक उनमें ‘हर्ड इम्युनिटी’ बनी रहती है।’’ उन्होंने कहा कि वायरस अब ‘‘नया शिकार’’ ढूंढने की कोशिश करेगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि टीकाकरण ही संक्रमण की रोकथाम का सही तरीका है।
बांदेकर ने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर टीका लगने के बाद भी आप संक्रमित होते हैं तो रोग का जोखिम कम हो जाता है। टीके की दोनों खुराकें लेने वाले बहुत कम ही लोगों की जान गयी है। टीके की दोनों खुराक ले चुके अधिकतर लोगों की जान गंभीर रोग ग्रसित होने के कारण हुई है।’’ उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान लोग या तो गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के कारण मारे गये हैं या संक्रमण अधिक फैलने के कारण मारे गये हैं। बांदेकर ने कहा, ‘‘कुछ युवाओं की जान संक्रमण अधिक फैलने के कारण गयी है। टीकाकरण निश्चित रूप से वायरस के सभी स्वरूपों से हमारी रक्षा करेगा।’’