आम आदमी पार्टी (आप) ने महाराष्ट्र में कोविड-19 की वजह से लगाई गई नयी पाबंदियों का सोमवार को विरोध किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और मुंबई नगर निकाय कोविड-19 के मामलों पर लगाम लगाने में असफल रहे हैं। आप ने आरोप लगाया कि मुंबई के आम लोगों पर पड़ने वाले असर पर विचार किए बिना ‘अनमने’ ढंग से ये कदम उठाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि गत कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में हुई वृद्धि के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को सप्ताहांत में लॉकडाउन और सोमवार से 30 अप्रैल तक सप्ताह के अन्य दिनों में रात का कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने निजी कार्यालयों, थियेटर और सैलून को भी बंद करने सहित कई पाबंदियां लगाई हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बयान में बताया कि सप्ताहांत लॉकडाउन शुक्रवार रात आठ बजे से शुरू होगा और सोमवार सुबह सात बजे तक जारी रहेगा, इसके अलावा अन्य दिनों में दिन में निषेधाज्ञा लागू होगी। आप ने यहां विज्ञप्ति जारी कर कहा, ‘‘नयी पाबंदियां मुंबई की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी साबित होंगी, खासतौर पर छोटे उद्यमों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए जो शहर की वाणिज्यिक गतिविधि की रीढ़ हैं।’’
अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन किसी भी नाम से हो लॉकडाउन होता है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित ‘ब्रेक दि चेन’ नियम भ्रमित करने वाला है।’’ आप ने आरोप लगाया कि बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) संक्रमितों का पता लगाने और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में असफल हुई है।
आप की मुंबई प्रभारी प्रीति शर्मा मेनन ने कहा, ‘‘ यह मानना अतर्कसंगत है कि सभी कार्यालय अपने कर्मचारियों के साथ घर से काम कर सकते हैं, वो भी तब जब परिवहन की व्यवस्था सुचारु है। ऐसे में सभी कार्यालयों और दुकानों को बंद करने का क्या तुक है?’’ आप का मानना है कि दुकानों को हर दूसरे दिन खोलने की अनुमति देना उन्हें बंद रखने से बेहतर विकल्प है।