केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सबरीमला में 10-50 वर्ष उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं और इस बारे में चर्चा के लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने यहां एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अदालत जब भी अंतिम निर्णय सुनाएगी तब सरकार समाज के सभी तबकों के साथ चर्चा करेगी और आवश्यक दम उठाएगी।’’ मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब चुनावी राज्य केरल में विपक्षी कांग्रेस, भाजपा तथा अन्य दल राज्य के एक मंत्री और माकपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुद्दे पर विरोधाभासी विचार व्यक्त किए जाने पर मुख्यमंत्री से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने सबरीमला तीर्थस्थल में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी जिसे क्रियान्वित करने पर एलडीएफ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भड़क उठे थे। शीर्ष न्यायालय में निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थीं।
राज्य में छह अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के प्रचार में यह मुद्दा एक बार फिर जोर-शोर से उठ रहा है और भाजपा तथा कांग्रेस सत्तारूढ़ वाम मोर्चे पर हमला कर रही हैं।
प्रदेश के देवोस्वम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने पिछले सप्ताह सबरीमला मुद्दे पर राज्य में 2018 में हुई घटनाओं पर खेद व्यक्त किया था जिसके बाद दिल्ली में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि सुरेंद्रन ने मुद्दे पर खेद क्यों व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि मुख्यमंत्री को येचुरी की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।