शिवसेना नेता संजय राउत ने गैंगस्टर करीम लाला से इंदिरा गांधी की मुलाकात पर दिए बयान को लेकर आज सफाई दी है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा, मैंने हमेशा इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति जो सम्मान दिखाया, वह विपक्ष में होने के बावजूद किसी ने नहीं किया। जब भी लोगों ने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा है, मैं उनके लिए खड़ा हुआ हूं।
उन्होंने कहा, करीम लाला से मिलने के लिए कई राजनीतिक लोग आते थे, कई बार अलग होते थे। वह पठान समुदाय के नेता थे, वह अफगानिस्तान से आए थे। इसलिए, लोग पठान समुदाय की समस्याओं के बारे में उनसे मिलते थे। राउत के इस बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जाहिर की। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि संजय राउत अपना बयान वापस लें। इंदिरा जी एक सच्ची देशभक्त थीं। इंदिरा जी से जुड़ा जो बयान उन्होंने दिया है वह वापस लें।
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गौरतलब है की राउत ने एक एक इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था। इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं। राउत की पार्टी ने पिछले साल महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनायी है।
राउत ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए कहा कि दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘वे अंडरवर्ल्ड के दिन थे। बाद में, हर कोई (डॉन) देश छोड़कर भाग गया। अब ऐसा कुछ नहीं है।’’
राउत ने दावा किया कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम सहित कई गैंगस्टरों की तस्वीरें खींची। शिवसेना नेता ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एक बार दाऊद इब्राहिम को फटकार लगाई थी। संपर्क करने पर राज्य कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह इंदिरा गांधी के बारे में राउत की वास्तविक टिप्पणियां पढ़ने के बाद ही टिप्पणी करेंगे।