महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान के बाद राज्य में एक बार फिर पूर्व सहयोगी शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर सियासी खबरों की बयार शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने शुक्रवार को एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे समेत कुछ नेताओं को पूर्व और संभावित भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया। जिसके बाद बीजेपी-शिवसेना में पुनः गठबंधन को लेकर अटकलें शुरू हो गई।
बीजेपी के साथ गठबंधन की खबरों पर राज्यसभा सांसद और शिवसेना संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई है। राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार 5 साल तक सत्ता में रहने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना अपने वादों पर काम करती है। अगर किसी को सीएम (संभावित भावी सहयोगी) की टिप्पणी पर खुशी हो रही है, तो इसे 3 साल के लिए रहने दें।
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बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए संजय राउत ने कहा, शिवसेना किसी की पीठ में नहीं छुरा घोंपती। उन्होंने कहा, बीजेपी में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने खुलेआम कहा है कि हम शिवसेना भवन में तोड़फोड़ करेंगे। कुछ केंद्रीय मंत्री ऐसे हैं जो मुख्यमंत्री पर हमला करने की बात करते हैं। ऐसी पार्टी जो शिवसेना को अपना दुश्मन मानती हो उनके साथ कैसे गठबंधन हो सकता है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को समारोह के दौरान मंच पर उपस्थित नेताओं को उद्धव ठाकरे ने ‘मेरे पूर्व, वर्तमान और अगर हम साथ में आते हैं तो भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया।’ कार्यक्रम में महाराष्ट्र के बीजेपी नेता दानवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट मंच पर मौजूद थे। बाद में एक अन्य समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में ठाकरे ने साफ किया कि उन्होंने पूर्व और वर्तमान सहयोगी इसलिए कहा था क्योंकि मंच पर सभी दलों के नेता थे।