शिवसेना सासंद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि राम जन्मभूमि विवाद मामले में 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी। बाबरी मामले में सभी आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बरी किये जाने के फैसले के बारे में राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, ‘’राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के पिछले साल आये फैसले और इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री द्वारा (प्रस्तावित) मंदिर का भूमि पूजन किये जाने के बाद विशेष अदालत में इस मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी।’’ उन्होंने कहा कि “न्यायालय ने जो कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, ये ही निर्णय अपेक्षित था। हमें उस एपिसोड को भूल जाना चाहिए,अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है। अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता तो आज जो राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है वो दिन हमें देखने को नहीं मिलता।”
लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित मामले के सभी 32 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। विशेष सीबीआई अदालत में चला यह मामला उत्तर प्रदेश के आयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने से संबंधित है।