देश में इस समय इस्राइली जासूसी सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ को लेकर बवाल मचा हुआ है। केंद्र की मोदी सरकार पर इस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी करने का आरोप लगाया है। वहीं सरकार इस तरह के किसी भी आरोपों को खारिज कर चुकी है। इस बीच इस मुद्दे पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है।
शिवसेना सांसद का कहना है कि ‘पेगासस’ जासूसी के सिलसिले में दो केंद्रीय मंत्रियों- प्रह्लाद जोशी और अश्विनी वैष्णव के नाम भी सामने आए हैं। बाद में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वैष्णव, जिनकी जासूसी भी की गई है, उन्हें उसी (आईटी) विभाग का मंत्री बनाया गया।
पेगासस विवाद पर कांग्रेस ने की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग, कहा- स्पष्ट रूप से दें जवाब
उन्होंने आगे कहा, अगर यूपीए की सरकार होती तो बीजेपी देश में हंगामा करती, वे सदन को सुचारू रूप से चलने नहीं देते थे। हम संयुक्त संसदीय समिति से भी जांच की मांग करते हैं। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों को सच बताना चाहिए।
पेगासस जासूसी विवाद को लेकर कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराए जाने की मांग की। शिवसेना ने भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मंगलवार को ज्ञापन सौंप पेगासस प्रोजेक्ट में JPC जांच की मांग की है। पेगासस प्रोजेक्ट को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है। यह लोगों के डिवाइस से उनके मैसेज, फोटो और ईमेल, कॉल रिकॉर्ड और माइक्रोफोन एक्टिव कर उनकी बातें भी सुन सकता है।