सुप्रीम कोर्ट ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर गुरुवार को रोक लगा दी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी) घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा। पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी शामिल थे।
मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा। उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की। मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है।
उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की संपत्तियों की बिक्री से संबंधित आदेश को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और राकेश और सारंग को जेल से आवास में स्थानांतरित करने के आदेश पर रोक लगा दी।