सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर के अधिकारियों के खिलाफ दायर अवमनना याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। दो महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर को बंद करने के अधिकारियों के फैसले को लेकर वकीलों के एक समूह ने यह याचिका दायर की है।प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की एक पीठ ने कहा कि अवमानना याचिका पर सुनवाई सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं के साथ ही होगी।
भारतीय युवा वकील संगठन के लिए पेश हुए अधिवक्ता पी वी दिनेश ने पीठ को बताया कि बुधवार को दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के बाद मंदिर के अधिकारियों ने शुद्धिकरण के लिए उसे बंद कर दिया था जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। गौरतलब है की सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर सबरीमाला में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा सुबह से शाम तक 12 घंटे की हड़ताल कर रहे है।
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, राज्य की राजधानी में ऑटो रिक्शे और दोपहिया वाहन रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर पर आते जाते दिखाई दिए, लेकिन कोझिकोड में सुबह प्रदर्शनकारियों ने कई जगह वाहनों को रोका और टायर जलाए। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा, हम आज केरल में ‘काला दिवस’ मना रहे हैं। राज्य सरकार सबरीमाला के भक्तों की भावनाओं को चुनौती दे रही है। राज्य सरकार के प्रायोजक के साथ, इन दो युवतियों ने मंदिर में प्रवेश किया। वे कार्यकर्ता हैं, वे माओवादी हैं।