सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से लेकर अदालत की निगरानी वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपने की मांग संबंधी राज्य सरकार की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एस.के.कौल और न्यायमूर्ति एम.एम.सुंदरेश की पीठ ने बम्बई हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। इससे पहले हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।
जायसवाल की भूमिका एक गवाह के रूप में होने की पूरी संभावनाएं हैं : महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील देते हुए कहा कि सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में जायसवाल भले ही आरोपी न हो, लेकिन उनकी भूमिका एक गवाह के रूप में होने की पूरी संभावनाएं हैं। इस मामले में सीबीआई जांच की निष्पक्षता पर संदेह है।
हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे : पीठ
शीर्ष अदालत पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे। इससे पहले राज्य सरकार की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि देशमुख पर स्थानांतरण एवं नियुक्ति को लेकर रिश्वत लेने के आरोप सामने आने के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर 24 अप्रैल 2021 को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
जायसवाल की भूमिका एक गवाह के रूप में होने की पूरी संभावनाएं हैं : महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील देते हुए कहा कि सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में जायसवाल भले ही आरोपी न हो, लेकिन उनकी भूमिका एक गवाह के रूप में होने की पूरी संभावनाएं हैं। इस मामले में सीबीआई जांच की निष्पक्षता पर संदेह है।
हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे : पीठ
शीर्ष अदालत पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे। इससे पहले राज्य सरकार की याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि देशमुख पर स्थानांतरण एवं नियुक्ति को लेकर रिश्वत लेने के आरोप सामने आने के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर 24 अप्रैल 2021 को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
