SC ने एनएलएटी से नामांकन के NLSIU बेंगलुरु के निर्णय को किया निरस्त - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

SC ने एनएलएटी से नामांकन के NLSIU बेंगलुरु के निर्णय को किया निरस्त

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लीगल एप्टीट्यूट टेस्ट के जरिए नामांकन के बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के निर्णय को सोमवार को निरस्त कर दिया और कम्बाइंड लॉ एडमिशन टेस्ट के तहत नामांकन का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल लीगल एप्टीट्यूट टेस्ट (एनएलएटी) के जरिए नामांकन के बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के निर्णय को सोमवार को निरस्त कर दिया और कम्बाइंड लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) के तहत नामांकन का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एनएलएटी-2020 प्रवेश परीक्षा रद्द करते हुए यह भी निर्देश दिया कि सभी 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (एनएलयू) में प्रवेश सीएलएटी-2020 के तहत हो, जिसका आयोजन 28 सितम्बर को होना निर्धारित है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरू के पूर्व कुलपति एवं एक अभ्यर्थी के अभिभावक प्रोफेसर आर वेंकट राव की ओर से दायर उस याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने एनएलएटी-2020 को चुनौती दी थी। पीठ में न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि एनएलयू को अपना शैक्षणिक सत्र अक्टूबर के मध्य तक शुरू करना चाहिए।
साझा विधि प्रवेश परीक्षा (सीएलएटी) भारत में 22 एनएलयू में प्रवेश के लिए एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। बेंगलुरु का नेशनल लॉ स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) इनमें से एक है। 17 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने एनएलएटी-2020 अधिसूचना रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में पांच साल के बीए, एलएलबी (ऑनर्स) पाठ्यक्रम 2020-21 में प्रवेश के लिये जारी 4 सितंबर की अधिसूचना रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
कोर्ट ने 11 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुये एनएलएसआईयू, बेंगलुरु को 12 सितंबर को अलग से प्रवेश परीक्षा के आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन उसे इस याचिका के निलंबित होने के दौरान परीक्षा के नतीजे घोषित करने और किसी भी छात्र को प्रवेश देने से रोक दिया था। पीठ ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण मामला है जिस पर फैसले की जरूरत है। साथ ही पीठ ने एनएलएसआईयू और इसके कुलपति सुधीर कृष्णास्वामी को नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा था।
याचिका में इस विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा अलग से कराने को पूरी तरह मनमाना और गैरकानूनी बताया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि एनएलएसयूआई की इस कार्रवाई ने एक अप्रत्याशित अनिश्चितता पैदा कर दी है और छात्रों पर भी अनावश्यक बोझ डाल दिया है, जो अब भावी कार्यक्रम को लेकर अनिश्चय की स्थिति में हैं। अधिसूचना में कहा गया था कि एनएलएसआईयू शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 में प्रवेश के लिए सीएलएटी-2020 के स्कोर स्वीकार नहीं करेगा और एनएलएटी परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 + 8 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।