देश भर के कई राज्यों में कोरोना के सक्रमण में कमी देखे जाने पर स्कूलों को खोला जा रहा है। वहीं तेलंगाना हाई कोर्ट ने 1 सितंबर से स्कूलों को फिर से खोलने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी निजी या सरकारी स्कूल द्वारा केजी से कक्षा 12 तक के किसी भी छात्र को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने सरकार से उन शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को भी कहा है जो ऑफलाइन क्लासेस आयोजित नहीं करेंगे। शैक्षणिक संस्थानों को यह तय करने की हालांकि इजाजत दी गई है कि ऑफलाइन क्लासेस फिर से शुरू करनी है या ऑनलाइन क्लासेस ही जारी रखनी है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को अगले हफ्ते तक दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सीधे शिक्षण संचालित करने वाले स्कूलों को दिशानिर्देश जारी किए जाएं। हाईकोर्ट ने गुरुकुलों और शिक्षण संस्थानों में हॉस्टल नहीं खोलने का भी निर्देश दिया है। तेलंगाना सरकार ने बुधवार 01 सितंबर से राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बीते सप्ताह मंत्रियों और अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्णय लिया था।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण शिक्षण संस्थानों के बंद होने से छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों आदि के बीच अराजक स्थिति पैदा हो गई है। बैठक में शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने के लिए अन्य राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की गई थी।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है और लोगों की आवाजाही सामान्य हो रही है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि शैक्षणिक संस्थानों के लंबे समय तक बंद रहने के कारण छात्रों में मनोवैज्ञानिक तनाव बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 1 सितंबर से सभी शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया गया था।