महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में स्कूलों को 4 अक्टूबर से खोलने का निर्णय लिया है। कोरोना की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस बीच स्कूलों को खोलने को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 4 अक्टूबर से महाराष्ट्र में स्कूल शुरू करने को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। सीएम उद्धव ठाकरे और शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ की बैठक के बाद सरकार द्वारा ऐलान किया गया । पीडियाट्रिक टास्क फोर्स और स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अभी शहरी इलाकों में आठवीं से 12वीं तक की क्लास शुरू होगी जबकि पांचवी से बारहवीं तक के स्कूल ग्रामीण इलाकों में शुरू करने का फैसला लिया गया है।
महाराष्ट्र में 4 अक्टूबर से स्कूल शुरू होने जा रहे हैं। कोरोना नियमों का पालन करते हुए राज्य भर में स्कूल शुरू होंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी है। स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि शहरी भागों में स्कूल 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे। ग्रामीण भागों में 5 वीं से 12 वीं तक के वर्गों के लिए स्कूल खुल जाएंगे।
क्या बच्चों पर होगा अटेंडेंस का दबाव ?
कोरोना की वजह से राज्य में बंद स्कूलों को खोलने के लिए राज्य शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव भेजा था। राज्य के कोरोना टास्क फोर्स से सलाह-मशविरे के बाद मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लेकिन साथ ही कोरोना से जुड़ी परिस्थितियों को देखते हुए फैसले में फेरबदल करने का अधिकार जिलाधिकारियों को होगा। यानी जिन जिलों में कोरोना से जुड़ी स्थितियां अनुकूल ना हों, वहां जिलाधिकारी स्कूल बंद रखने का निर्णय ले सकते हैं। बच्चों को बुलाने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी। विद्यार्थियों पर टेंडेंस के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा। आदेश में कहा गया है कि विद्यालयों को सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जैसे कि मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, बार-बार हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना आदि।