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चुनाव प्रचार के दौरान सिंधिया की फिसली जुबान, कमल की बजाय हाथ के लिए मांगे वोट

ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाषण देते हुए जुबान फिसल गई और उन्होंने मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में गलती से लोगों से अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस को वोट देने को कहा।

भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक चुनावी रैली के दौरान भाषण देते हुए जुबान फिसल गई और उन्होंने मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में गलती से लोगों से अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस को वोट देने को कहा।सिंधिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है, जिसमें वह ग्वालियर जिले की डबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के पक्ष में शनिवार को रैली के दौरान कांग्रेस के लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में सिंधिया यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, ‘‘हाथ उठाकर हमें विश्वास दिलाओ, (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह (चौहान) और हमें। मेरी डबरा की जनता, मेरी जानदार एवं शानदार जनता, मुट्ठी बांधकर विश्वास दिलाओ की 3 तारीख को हाथ के पंजे पर बटन दबेगा।’’ हालांकि, गलती का एहसास होने पर भाजपा नेता ने तुरंत इस वाक्य में संशोधन किया और लोगों से भाजपा के चिन्ह कमल को वोट देने की अपील की।
इस गलती पर कांग्रेस ने सिंधिया पर तंज कसते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर इसका वीडियो अपलोड कर लिखा, सिंधिया जी, मध्यप्रदेश की जनता विश्वास दिलाती है कि 3 तारीख़ को (ईवीएम पर) हाथ के पंजे वाला बटन (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) ही दबेगा। मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की गलती किसी भी व्यक्ति द्वारा हो सकती है। 

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘उनकी (सिंधिया) जुबान फिसल गई थी और यह किसी के साथ भी हो सकता है। गलती का एहसास होने पर सिंधिया ने तुरंत इसमें सुधार किया। हर कोई जानता है कि वह भाजपा के नेता हैं।’’ 49 वर्षीय सिंधिया 2002 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। 18 साल बाद उन्होंने इसी साल मार्च में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।
इसके बाद, कांग्रेस के 22 विधायक भी त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए थे, जिनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थित थे। इन विधायकों के त्यागपत्र देने के कारण प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनी थी। राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होंगे।

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