पुणे रासायनिक संयंत्र अग्निकांड में तलाशी अभियान फिर बहाल, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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पुणे रासायनिक संयंत्र अग्निकांड में तलाशी अभियान फिर बहाल, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान

महाराष्ट्र के पुणे में सोमवार को एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक रासायनिक संयंत्र में लगी भीषण आग में लापता लोगों की तलाश अधिकारियों ने मंगलवार को एक बार फिर शुरू की।

महाराष्ट्र के पुणे में सोमवार को एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक रासायनिक संयंत्र में लगी भीषण आग में लापता लोगों की तलाश अधिकारियों ने मंगलवार को एक बार फिर शुरू की। यह पता लगाने के लिए कम्पनी के मालिक को समन भी किया गया है कि संयंत्र में किस पदार्थ का इस्तेमाल किया जा रहा था।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल आज दिन में घटना स्थल का दौरा कर स्थिति का मुआयना कर सकते हैं। मुलशी संभाग के उप संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) संदेश शिरके ने सोमवार को बताया था कि परिसर से 18 शव बरामद किए गए हैं, जबकि पुणे जिले के पुलिस अधीक्षक अभिनव देशमुख ने मंगलवार को बताया कि 17 शव बरामद हुए है, जो पूरी तरह जल चुके थे और एक शरीर का अंग तलाश अभियान के दौरान बरामद हुआ।
देशमुख ने कहा, ‘‘ हमें संदेह है कि यह शरीर का अंग 17 मृतकों में से किसी एक का हो सकता है। इसलिए हम अभी मृतक संख्या 17 ही मान कर चल रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि कम्पनी अधिकारियों के अनुसार, ये वे 17 कर्मचारी हैं, जो घटना के समय मौके पर मौजूद थे।
गौरतलब है कि ‘एसवीएस एक्वा टेक्नोलॉजीज’ के संयंत्र में सोमवार को आग लग गई थी, जिसमें ‘क्लोरीन डायऑक्साइड’ का उत्पादन होता है। यह संयंत्र पुणे शहर के पास मुलशी तहसील के पीरागुंट इलाके में है। अंधेरा होने और आग से गर्मी अधिक बढ़ने के कारण सोमवार की रात तलाश अभियान रोक दिया गया था।
दमकल विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को सुबह एक बार फिर बचाव अभियान शुरू किया। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ मंगलवार को सुबह हमने एक बार फिर तलाश अभियान शुरू किया, ताकि मलबे में कोई फंसा हो तो उसका पता लगाया जा सके।’’ देखमुख ने बताया कि कम्पनी के मालिक को भी पूछताछ के लिए समन किया गया है, ताकि संयंत्र में किस रासायनिक या सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था, यह पता लगाया जा सके।
इस बीच, एसडीएम शिरके ने बतया कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसडीएम के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया है। शिरके ने पहले कहा था कि शव पूरी तरह जल चुके है और उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी सस्सून जनरल अस्पताल भेजा गया है। शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान के लिए उनका डीएनए परीक्षण करना होगा।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कम्पनी के अधिकारियों के अनुसार, परिसर में प्लास्टिक की सामग्री की ‘पैकिंग’ के दौरान आग लगी। उन्होंने कहा, ‘‘ ‘पैकेजिंग सेक्शन’ में चिंगारी निकलने से आग लगी और फैल गई। आसपास प्लास्टिक होने की वजह से आग तेजी से फैल गई।’’ महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने आग लगने के उचित कारण का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए है और मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का भी एलान किया है।

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