राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी नेता जयंत पाटिल की उस टिप्पणी को शुक्रवार को अधिक तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखता हूं।’’ शिवसेना नीत एमवीए सरकार में एक कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश राकांपा अध्यक्ष पाटिल ने हाल ही में कहा था कि जिस किसी ने भी राजनीति में एक लंबा समय गुजारा है, वह मुख्यमंत्री बनना चाहेगा।
उन्होंने साथ ही कहा था कि शीर्ष पद की आकांक्षा रखना उनके लिए भी स्वाभाविक है। पाटिल द्वारा मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा व्यक्त किये जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कोल्हापुर में संवाददाताओं से हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘यदि मुझे भी कल यही महसूस हो तो मुझे क्या करना चाहिए ? कोई भी मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनाएगा, इसलिए मैं इसके बारे में नहीं सोचता।’’
पाटिल से उनके गृह जिले सांगली के एक स्थानीय मीडिया घराने के साथ बातचीत के दौरान सवाल किया गया था कि क्या वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। पाटिल ने जवाब में कहा, ‘‘मुझे (मुख्यमंत्री होने की) इच्छा होनी चाहिए, ठीक है? प्रत्येक नेता मुख्यमंत्री बनना चाहता है।
लेकिन पार्टी और पवार साहेब जो निर्णय लेते हैं, वह हमारे लिए अंतिम है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘सभी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हर कोई जिसने (राजनीति में) मेरे जितना काम किया है (मुख्यमंत्री बनना चाहता है)। मेरे मतदाता भी मुझे मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखता हूं, लेकिन स्थिति और संख्या (विधायकों की) कारक हैं। हमारे पास (288 सदस्यीय विधानसभा में) 54 विधायक हैं। मुझे नहीं लगता कि 54 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बनना संभव है।’’
पाटिल ने कहा कि राकांपा को मुख्यमंत्री पद पाने के लिए और विस्तार करना होगा और विधायकों की संख्या अधिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर संख्या बढ़ती है, तो पार्टी बड़ी होगी, फिर पवार साहब जो फैसला करेंगे, वह होगा।’’