शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे को विधानसभा में पार्टी का नेता चुन लिया। इसके साथ ही सुनील प्रभु को शिवसेना का मुख्य सचेतक चुना गया। पड़ोसी ठाणे से विधायक शिंदे पिछले कार्यकाल में भी सदन के नेता थे। वह इसके साथ ही भाजपा..शिवसेना सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे।
पहली बार विधायक चुने गए आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा। प्रताप सरनाइक ने प्रस्ताव का समर्थन किया। शिवसेना सूत्रों ने कहा कि पार्टी प्रमुख और आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे अपने बेटे को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाए जाने के इच्छुक नहीं थे।
दादर स्थित शिवसेना मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। इस बैठक में कुछ निर्दलीय विधायक भी उपस्थित थे जिन्होंने 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना के मध्य खींचतान जारी रहने के बीच शिवसेना को समर्थन की घोषणा की है।
शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा ने 105 सीटें जीती हैं। उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने दावा किया है कि सात निर्दलीय विधायक उसका समर्थन कर रहे हैं। शिंदे ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि विधायकों ने सरकार गठन के बारे में निर्णय लेने के लिए उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी अधिकार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को दिये गए हैं। वह जो भी निर्णय करेंगे हम उसका पालन करेंगे।’’ इस बीच, शिवसेना के वरिष्ठ नेता शाम में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। सुनील प्रभु ने कहा कि पार्टी प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से ‘वेट ड्रॉट’ (अधिक वर्षा होने से उत्पन्न स्थिति) घोषित करने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई है, जिससे सोयाबीन, धान और अंगूर की फसलों को नुकसान हुआ है।’’