देश में इन दिनों ज्ञानवापी, ताज महल, जमा मस्जिद और शाही ईदगाह को लेकर विवाद चल रहा है। ज्ञानवापी में हुए सर्वे में मस्जिद परिसर से शिवलिंग मिलने का दावा हुआ तो वहीं ताज महल, जमा मस्जिद और शाही ईदगाह को लेकर भी तमाम दावे हुए। अब इस विवाद को लेकर शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है।
इसी तरह चल रहा है बीजेपी का विकास मॉडल
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में ‘2024 का उत्खनन शुरू?’ नाम से लिखे गए इस लेख में दावा किया गया कि ‘वाराणसी स्थित ज्ञानवापी का मुद्दा बीजेपी ने एजेंडे पर ले लिया है। सर्वे और वीडियोग्राफी के बाद मस्जिद से शिवलिंग मिलने की बात कही गई। बीजेपी नेता अब ये फैला रहे हैं कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ राजधानी लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुर करने जा रहे हैं। बीजेपी का विकास का मॉडल इसी तरह चल रहा है। हनुमान चालीसा पाठ से जुड़ा मामला बहुत देर नहीं चला।
हर बार रची जाती है कोई नई राम कहानी-कृष्ण कथा
बीजेपी पर हमला करते हुए सामना में कहा गया, ‘हर बार कोई नई राम कहानी अथवा कृष्ण कथा रची जाती है। जबकि उसका मूल रामायण-महाभारत से कोई संबंध नहीं होता है। लेकिन लोगों को उकसाते रहना है, ऐसा धंधा चल रहा है। ताजमहल की जमीन के नीचे क्या छिपा है, ये भी खोदकर निकालो, ऐसी मांग इन्हीं में से कुछ लोगों द्वारा करना ये भी मजेदार है। ताजमहल प्रकरण में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। उसी समय दिल्ली की जामा मस्जिद पर भी बीजेपी के साक्षी महाराज ने दावा ठोंक दिया है। दुनिया कहां जा रही है और हम क्या कर रहे हैं?’
लेख में आगे कहा गया, ‘कैलाश पर्वत समस्त हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कैलाश पर्वत पर भगवान शिवजी विराजमान हैं। उस कैलाश पर्वत पर चीन ने कब्जा जमा रखा है और भक्त लोग शिवजी को ताजमहल के नीचे ढूंढ़ रहे हैं। नई पीढ़ी के हाथ में वर्तमान शासक निश्चित तौर पर क्या रखनेवाले हैं? साढ़े 6 करोड़ जनसंख्या वाला देश फ्रांस ‘राफेल’ बनाकर हमें बेच रहा है और 130 करोड़ लोगों का देश रोज मंदिर-मस्जिद और अवशेषों का उत्खनन कर रहा है।’
राम मंदिर के लिए बाबरी का ढांचा गिराना पड़ा
सामना में आगे लिखा गया, अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। उसके लिए बाबरी का ढांचा गिराना पड़ा। इस कार्य के लिए हजारों कारसेवकों को बलिदान देना पड़ा। अब ऐसे ही कुछ नए मुद्दों को छेड़कर देशभर में दंगे कराए जाएंगे व उसी भावना पर 2024 के चुनाव लड़े जाएंगे, ऐसा डर ममता बनर्जी ने व्यक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण में राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद संयमित प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।’