आरक्षण के योग्यता और आर्थिक मानदंडों पर आधारित होने के भाजपा नेता तथा सांसद उदयनराजे भोसले के सुझाव को मंगलवार को शिवसेना ने ”क्रांतिकारी” व्यवस्था करार दिया है।मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी के वंशज भोसले ने योग्यता पर आधारित आरक्षण का समर्थन करते हुए बयान दिया कि वह जाति आधारित आरक्षण को खत्म करके आर्थिक और योग्यता के मानदंडों पर आधारित आरक्षण के पक्ष में हैं।
भोसले ने मराठा समुदाय के बीच मौजूद ”गहरे असंतोष” के विकराल रूप धारण करने की चेतावनी देते हुए बीते रविवार को कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे की सरकार राज्य में मराठा आरक्षण कानून लागू करने में नाकाम रहती है तो सभी समुदायों को मिला आरक्षण भी खत्म कर दिया जाना चाहिये।
आपको बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया है, ”इन हालात में, सभी समुदायों का आरक्षणसमाप्त करके योग्यता आधारित आरक्षण देने की छत्रपति उदयनराजे की अपील क्रांतिकारी है। ”
संपादकीय में कहा गया है कि मुख्यमंत्री तथा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का विचार है कि मराठा और ढांगर समुदायों को उनके हिस्से का आरक्षण मिलना चाहिये।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के कानून के कार्यान्वयन पर रोक लगा रखी है, जिसे लेकर महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अपने अंतरिम आदेश के बाद इस मामले को विचार के लिए बड़ी बेंच में भेज दिया है।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एल.एन राव के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि इस फैसले से अब तक इस कोटे का लाभ ले चुके लोगों के स्टेटस पर कोई असर नहीं होगा।चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा कि मामले के लिए बड़ी बेंच का गठन किया जाएगा जो कि मराठा आरक्षण की वैधता पर विचार करेगी।