शिवसेना ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा किये गये आईपीएस अधिकारियों के तबादलों का बचाव करते हुए कहा है कि यह फैसला राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए किया गया।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक सम्पादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन के तीनों सहयोगी दलों, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के बीच विचार-विमर्श के बाद राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया।
शिवसेना नीत गठबंधन सरकार में गृह विभाग राकांपा के पास है। इन तबादलों की आलोचना करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए मुखपत्र में दावा किया गया है कि सरकार का फैसला ‘‘सही’’ है और विपक्षी दल इससे परेशानी महसूस कर रहा है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कोविड-19 महामारी के बीच आईपीएस अधिकारियों के तबादले की आलोचना की थी।
सम्पादकीय में कहा गया है, ‘‘ सत्ता में (नवम्बर 2019 में) आने के बाद तबादलों की मांग करने के बावजूद, (मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे ने सात महीने तक ऐसा नहीं करने का फैसला किया और महामारी के खिलाफ लड़ाई पिछली (भाजपा) सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासन के जरिये जारी रखी।’’
पार्टी के मुखपत्र ने दावा किया कि आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख देवेन भारती को छोड़कर सभी तबादले पारदर्शी थे। राज्य सरकार ने हाल ही में 40 से अधिक आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया है।