भोपाल (मनीष षर्मा) : भाजपा हाईकमान पार्टी में लगातार परिवर्तन कर रहा है। तीन राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने के फैसलों से पार्टी मजबूत हुई है, वहीं वह लगातार जनहितैषी कार्यों के साथ-साथ अपने नेताओं की छवि का भी आंतरिक सर्वे कर रही है। पश्चिम बंगाल में बुरी हार के बाद भाजपा में बहुत बदलाव आया है। जिस प्रकार राजनीतिक प्रबंधन के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर रणनीति बनाते हैं, वैसी ही रणनीति मोदी- शाह और नड्डा की तिकड़ी एकमत होकर बनाने में सफल हुई है।
भाजपा के सूत्रों से पता चला है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां मुख्यमंत्री और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष की कार्यप्रणाली एवं घोषणा पत्र के मुद्दे तथा जनता में उनकी लोकप्रियता का एक आंतरिक सर्वे हुआ और उस सर्वे में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भाजपा के मंडल अध्यक्षों सहित चुनावी रणनीति बनाने वाली एजेंसियों से जानकारी मांगी गई। इस जानकारी के आधार पर राज्यों में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।
सूत्रों से पता चला है कि हिमाचल व त्रिपुरा के मुख्यमंत्री भी हटाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्रियों में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है, पार्टी उनके नेतृत्व में ही विधानसभा का अगला चुनाव लड़ेगी। कोरोना जैसी आपदा में शिवराज सिंह चौहान ने जिस तरह मध्य प्रदेश को संभाला वह काबिले तारिफ रहा है। आंतरिक सर्वे में प्रदेश भाजपा संगठन की भी तारिफ की गयी है।
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा और सीएम शिवराज की जुगलबंदी से संगठन मजबूत हुआ है। वहीं देश तथा मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपनी अंदरूनी कलह से ही चारों खाने चित है। वहीं दूसरी तरफ गुजरात और उत्तराखंड में संगठन कमजोर हुआ है। भाजपा के लिए चुनौती है कि अपने नए मुख्यमंत्रियों से वह किस तरीके से काम लेकर पुनः चुनाव मैदान में जाएगी।
कर्नाटक और गुजरात में जहां संगठन जातिगत मुद्दों के कारण कमजोर हुआ है, वहीं उत्तर प्रदेश में सत्ता और संगठन में समन्वय नहीं होने के कारण पार्टी का जनाधार धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस आंतरिक सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी भी सभी राज्यों में वैसी ही है जैसी अन्य चुनावों में थी। दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए खुश होने वाली बात है कि देश में मोदी की लोकप्रियता है तो प्रदेश में उनकी लोकप्रियता बरकरार है।