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उत्तराखंड में आई आपदा के कारण अब तक 64 लोगो की मौत हुई, 3500 लोगो का रेस्क्यू किया

उत्तराखंड में आई अचानक तेज बरसात के कारण हुए घटनाओं में अभी तक 64 व्यक्तियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो चुकी हैं। बरसात और इससे जुड़ी आपदाओं के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया,

उत्तराखंड में आई अचानक तेज बरसात के कारण हुए घटनाओं में अभी तक 64 व्यक्तियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो चुकी हैं। बरसात और इससे जुड़ी आपदाओं के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे 3500 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि 16 हजार लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पहाड़ी राज्य में एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 7 टीमें, पीएसी की 15 कम्पनियां और पुलिस के 5 हजार जवान अभी भी बचाव व राहत में लगे हैं। डिजास्टर फंड में उत्तराखण्ड को पहले से ही 250 करोड़ रूपए की राशि दी गई है। इससे राहत व बचाव का कार्य किया जा रहा है।
केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि उत्तराखंड के आपदाग्रस्त व जलभराव वाले क्षेत्रों में मेडिकल टीमें भेजी जाएं ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। क्षतिग्रस्त बिजली लाईनों को पूरी तरह जल्द से जल्द ठीक की जाए। उत्तराखंड में 17, 18 और 19 अक्टूबर को आई तेज बारिश एवं उसके बाद उत्पन्न हुई स्थितियों के कारण अब तक 64 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। राज्य सरकार ने बताया कि भारी बारिश का अलर्ट मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री स्तर पर समीक्षा की गई। तुरंत इन्सीडेंस रेस्पोंस सिस्टम को राज्य व जिला स्तर पर सक्रिय कर दिया गया। एहतियातन तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया।
साथ ही स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया। विभिन्न माध्यमों से यात्रियों और जनसाधारण को भी अलर्ट किया गया। ट्रैकर्स को भी अलर्ट किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड में नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। इस संबंध में आवश्यक कदम भी उठाए गए हैं। आईएमडी के अनुसार सामान्य रूप से 1.1 मिमि बारिश होती है जबकि अभी 122.4 मिमि बारिश हुई। इन दो दिनों में सभी जगह रिकार्ड बारिश हुई। परंतु सही समय पर अलर्ट और तदनुसार एहतियात कदम उठाने से हानि को कम किया जा सका। प्रदेश में इस समय एनडीआरएफ की 17 टीमें तैनात हैं।
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक गुरुवार को नकेन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। उनके साथ उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जरनल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी थे। गुरुवार को जौलीग्रांट में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में आपदा की स्थिति और संचालित राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देवभूमि की हर सम्भव सहायता करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्र से मिले सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना, एनडीआरएफ, सीडब्ल्यूसी, बीआरओ के साथ मिलकर राज्य सरकार आपदा की तीव्रता को कम कर सकी। 
लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। चारों धाम की यात्रा शुरू की जा चुकी है। राज्य सरकार का कहना है कि चारधाम यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया। इसी का परिणाम है कि अभी तक चारधाम यात्रियों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यात्रा अब शुरू भी कर दी गई है। सभी एजेंसियां समय पर सक्रिय हो गई थी। प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री से बात कर समय पर राज्य को हेलीकाप्टर उपलब्ध कराए। भारत सरकार से हर सम्भव सहयोग दिया जा रहा है। सेंटर वाटर कमीशन और सिंचाई विभाग में भी आपदा के दौरान अच्छा समन्वय रहा।

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