देहरादून : विधायकों की सौदेबाजी के स्टिंग की सीबीआई जांच को पूर्व सीएम हरीश रावत अपने राजनीतिक करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण घड़ी करार दिया है। मालूम हो कि सीबीआई ने इस मामले की जांच रिपोर्ट पूरी करते हुए हाईकोर्ट को सौंपी दी है। सीबीआई के अनुरोध पर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की है।
शनिवार को मीडिया में इसकी खबरें आने पर हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात साझा की। रावत ने कहा है कि, ‘मेरे राजनैतिक जीवन में एक बार और दुर्दश, दुर्घष चुनौतीपूर्ण क्षण आ रहा है। कुछ ताकतें मुझे मिटा देना चाहती हैं। बकौल रावत, मैं मिटूंगा अवश्य, लेकिन उत्तराखंडी गंगलोड़ की तरह लुढ़कते-लुढ़कते, घिसते-घिसते इस मिट्टी में मिल जाऊंगा। परंतु टूटूंगा नहीं।’
यह है मामला
रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल के अंतिम दौर उनका एक स्टिंग आया था। रावत उस दौरान पार्टी के भीतर असंतोष से जूझ रहे थे। स्टिंग में रावत एक न्यूज चैनल संचालक के साथ विधायकों की सौदेबाजी करते दिखाई दे रहे थे। मार्च 2016 में पार्टी में बगावत होने के बाद कुछ समय तक प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा रहा। उस दौरान राज्यपाल की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने स्टिंग की सीबीआई जांच बिठा दी थी।
प्रदेश कांग्रेस भी रावत के साथ
रावत के खिलाफ सीबीआई जांच को कांग्रेस ने राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई बताया है। प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेसिंया किसके इशारे पर काम कर रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। भाजपाई ताकतें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कुचर्क रच रहे हैं। कांग्रेस को देश की न्यायिक व्यवस्था पर अगाध विश्वास है। रावत जी को न्यायालय से इंसाफ मिलेगा।
प्रदेश प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कहा कि भाजपा की कलई खुल चुकी है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदंबरम के खिलाफ हाल में जो कुछ हुआ वो दुनिया के सामने हैं। अब हरीश रावत को निशाना बनाया जा रहा है।