पहले पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अंतिम सैलरी की 50 प्रतिशत धन राशि दी जाती थी। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने को लेकर केंद्र सरकार और राज्यों सरकार के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान,छत्तीसगढ़,पंजाब और झारखंड सरकार की तरफ से ओपीएस की बहाली कर दी गई है। दरअसल केंद्र सरकार ने इस पेंशन को फिर से लागू करने के लिए मना कर दिया था।
इसके बाद कुछ राज्यों सरकारों की तरफ से पुरानी पेंशन को लागू करने का फैसला किया जा रहा है। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू ने केंद्र के बयान के बाद कहा कि पुरानी पेंशन को लेकर मेरी वित्त सचिव से बात हो गई है। हमें पता है पैसा कहा से आना है?
देवेंद्र फडणवीस का क्या कहना है?
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पुरानी पेंशन को लेकर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना के मुताबिक पेंशन नहीं देगी। अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इसके बाद राज्य पर 1,10,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। इससे राज्य पर कर्ज बढ़ेगा और दिवालिया होने की स्थिति आ सकती है। पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होनी चाहिए। राज्य विधानसभा में एक प्रश्न पूछने पर फडणवीस ने कहा पुरानी पेंशन योजना को 2005 में बंद कर दिया गया था।
OPS पेंशन लागू करने से श्रीलंका जैसे होंगे हालात?
इससे पहले वित्त राज्य मंत्री भगवंत कराड और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर बड़ा बयान दिया था। सुशील मोदी ने कहा था कि जो राज्य आज पुरानी पेंशन को बहाल करने का ऐलान कर रहे है।उन राज्यों को आज कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन आने वाले 2034 तक उनके हालत भी श्रीलंका जैसे हो जाएंगे। उन्होंने यह भी बोला कि पुरानी पेंशन लागू करके भविष्य की पीढ़ी पर भारी बोझ डालना बहुत बड़ा अपराध होगा।