देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के आठवें दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा और मुख्यमंत्री के करीबियों के स्टिंग की सीबीआई जांच की मांग की, जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अखबारों की कटिंग से स्टिंग की सत्यता पर चर्चा संभव नहीं है। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सभी विधायकों ने वेल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया।
विधायकों ने स्पीकर से समक्ष मांग रखी कि नियम 310 के तहत मुख्यमंत्री के करीबियों के स्टिंग पर चर्चा की जाए। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि अखबारों की कटिंग की सत्यता पर स्टिंग पर चर्चा संभव नहीं है, जिसके बाद विपक्ष के सभी विधायक वेल में पहुंच गए और इस विषय पर चर्चा की मांग करने लगे। सदन में विपक्ष का हंगामा न थमता देख विधानसभा अध्यक्ष ने स्टिंग को लेकर नियम 58 के तहत चर्चा कराने का फैसला लिया, जिसके बाद, विपक्ष शांत हुआ और प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई।
सदन में ओडीएफ का मुद्दा भी गूंजा। पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने पेयजल मंत्री प्रकाश पंत से पूछा कि बेसलाइन सर्वे 2012 के आधार पर अबतक हरिद्वार में कितने शौचालय बनवाने में सरकार ने मदद की है। साथ ही विधायकों ने पूछा जहां शौचालय नहीं बने हैं वहां सरकार कब तक कार्रवाई करेगी। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने पूरे ओडीएफ को लेकर सरकार द्वारा किये कार्यों के बारे में बताया। वहीं द्वाराहाट और खानपुर के मामले में एक बार फिर से परीक्षण करके दोबारा कार्रवाई करने की बात पेयजल मंत्री ने कही।
सदन में पक्ष-विपक्ष के विधायकों के सवालों से घिरे पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि प्रदेश में 15 लाख 50 हजार 416 परिवारों में शौचालय बनाया जाना था। इनमें से 64.14 प्रतिशत परिवारों में शौचालय बना दिया गया है। अन्य परिवारों को 12 हजार रुपये प्रति शौचालय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी अगर कहीं कोई दिक्कत आती है तो जांच की जाएगी।