महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक स्नातक के छात्र ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर उसे उस वक्त गिरफ्तार करने का आदेश देने का आरोप लगाया है जब वह उनके और एक छात्र के बीच की बातचीत की रिकार्डिंग कर रहा था। मंत्री ने इस आरोप से इंकार किया है। छात्र युवराज दबाड ने यह भी दावा किया कि कथित आदेश के चलते स्थानीय पुलिस ने उसे करीब कई घंटे तक हिरासत में रखा और उसका स्मार्टफोन भी जब्त कर लिया। बाद में, वीडियो रिकार्डिंग हटाकर स्मार्ट फोन उसे वापस कर दिया गया।
तावडे ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन्होंने किसी छात्र की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया और उनके खिलाफ ‘झूठ’ फैलाया जा रहा है। अमरावती में एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि ना तो छात्र को गिरफ्तार किया गया, ना ही हिरासत में लिया गया और उसके मोबाइल से कुछ भी नहीं हटाया गया। यहां से करीब 680 किलोमीटर दूर स्थित अमरावती में एक कॉलेज में तावडे ने भाषण प्रतियोगिता का उद्घाटन किया था जिसके बाद यह कथित घटना हुई।
कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद जब मंत्री जा रहे थे तब पत्रकारिता के कुछ छात्र उनके वाहन के नजदीक आ गये और मुफ्त शिक्षा नीति पर उनकी राय पूछने लगे। कॉलेज के छात्र प्रशांत राठौड़ ने बताया, ”शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि यदि मैं शिक्षा का खर्च बरदाश्त नहीं कर सकता तो मुझे कहीं कुछ काम करना शुरू कर देना चाहिए। मेरा उनसे सवाल था कि क्या प्रदेश में मुफ्त शिक्षा नीति हो सकती है।”
राठौड़ ने शनिवार को अमरावती में बताया कि दबाड उनकी बातचीत की वीडियो रिकार्डिंग कर रहा था। जब मंत्री ने देखा तो ‘पहले उससे रिेकार्डिंग बंद करने को कहा और बाद में पुलिस को उसे गिरफ्तार करने को कहा।’ दबाड ने कहा कि उन्होंने रिकार्डिंग करने के आदेश को मानने से मना कर दिया क्योंकि ‘‘वह (तावडे) हमारे प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बस उनसे कुछ सवाल कर रहे थे और उनका विचार जानना चाहते थे।’’ दबाड ने कहा, ”तावडे ने पुलिस को उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया जिसके बाद उसे परिसर से बाहर ले जाया गया और कुछ समय तक पुलिस वाहन में हिरासत में रखा गया। मेरा फोन मुझे शाम को वापस किया गया। बिना मेरी अनुमति के पुलिस ने मेरे फोन से रिकार्डिंग और वीडियो हटा दी।” तावडे ने बाद में आरोपों को ‘झूठ’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ”यह एक तरह का झूठ है जो मेरे खिलाफ फैलाया जा रहा है। मैंने अमरावती में किसी छात्र को गिरफ्तार करने का आदेश नहीं दिया।” मंत्री ने बताया कि कॉलेज के छात्रों के साथ तकरीबन ढाई घंटे तक ‘अच्छी बातचीत’ हुई। उन्होंने कहा, ”मेरे खिलाफ आरोप लगाने वाले छात्र मुझे हॉल के बाहर मिले थे और मुझसे कुछ सवाल पूछने की कोशिश की थी। वे ही मेरे खिलाफ झूठ फैला रहे हैं।”
उन्होंने बताया, ‘‘कुछ छात्र ‘इंकलाब जिंदाबाद’ लिखी पम्पलेट के साथ आ गये और अन्य छात्रों को वितरित कर रहे थे। उन्हीं में से एक गिरफ्तारी का आदेश देने का आरोप लगा रहा है जो पूरी तरह से झूठ है।’’ अमरावती के पुलिस आयुक्त संजय कुमार बाविसकर ने बताया कि ना किसी छात्र को गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया। किसी के मोबाइल फोन से कुछ भी नहीं हटाया गया।