धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होनी है।
झारखंड सरकार की अनुशंसा पर बुधवार को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच के लिए सीबीआई ने 20 सदस्यीय टीम का गठन किया है। सीबीआई की नई दिल्ली स्थित विशेष अपराध शाखा के एएसपी विजय कुमार शुक्ला मामले के अनुसंधान पदाधिकारी बनाए गए हैं। जांच टीम में फारेंसिक विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
सीबीआई टीम ने गुरुवार को मामले की जांच से जुड़ी एसआईटी के सदस्यों और अन्य लोगों से पूछताछ की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्ला के नेतृत्व में जांच के लिए आयी सीबीआई की टीम के छह सदस्यों ने धनबाद सदर थाना पहुंच कर इस मामले की जांच से जुड़े विशेष जांच दल के सदस्यों से विस्तृत पूछताछ की और आवश्यक जानकारी ली।
सीबीआई की टीम ने सदर थाने पर धनबाद के नगर पुलिस अधीक्षक राम कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्ग्यारी और थानाध्यक्ष विनय कुमार से पूरे मामले के तथ्यों को समझा और जाना। ये तीनों मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल के सदस्य थे।
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर न्यायाधीश की संदिग्ध हत्या में शामिल आटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्यारोपी बनाया। दोनों आरोपी को पांच दिनों की पुलिस हिरासत के बाद मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि न्यायाधीश आनंद की मौत 28 जुलाई की सुबह सैर के दौरान ऑटो से टक्कर लगने से हुई थी।