पाटीदार आरक्षण आंदोलन के मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आंदोलन के दौरान हुए दंगों और आगजनी में अपीलों पर फैसला आने तक कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पटेल की अपील पर सुनवाई पूरी होने तक उनकी सजा पर रोक लगा दी। वर्ष 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पटेल के नेतृत्व में हुए आंदोलन के दौरान कथित रूप से हिंसा हुई थी।
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घटना में गुजरात की सत्तारूढ़ बीजेपी के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ हुई थी। इस मामले में निचली अदालत ने कांग्रेस युवा नेता हार्दिक पटेल को आगजनी, दंगा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से इकत्र होने जैसे अपराध के लिए दोषी ठहराया था।
हार्दिक पटेल ने निचली अदालत के इस फैसले पर रोक लगाने की गुजरात हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट से याचिका को खारिज होने के बाद वह वर्ष 2019 का चुनाव नहीं लड़ पाए थे। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने की कानूनी अड़चनें फिलहाल दूर हो गई हैं।