तमिलनाडु में एम करुणानिधि के निधन के बाद डीएमके में एक तरीके से वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। इस कड़ी में अलागिरी ने मरीना बीच पर सोमवार को अपने पिता की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और छोटे भाई और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन को कोसा। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पिता की समाधि पर प्रार्थना की और अपनी शिकायतें सामने रखीं जिसे मीडिया फिलहाल नहीं जान पाएगा।
अलागिरी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब मंगलवार यानी 14 अगस्त को द्रमुक कार्यकारिणी समिति की बैठक करुणानिधि के निधन पर शोक प्रकट करने के लिए बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इसी बैठक में स्टालिन के प्रोन्नयन पर पार्टी की महापरिषद द्वारा मुहर लगाने के लिए उसकी बैठक बुलाने का निर्णय लिया जा सकता है। जब अलागिरी से इस बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं द्रमुक में नहीं हूं। मुझसे इस बारे में मत पूछिए।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी में लौटेंगे तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मुझे नहीं मालूम।
अलागिरी ने स्टालिन पर आरोप लगाया कि वह पार्टी में उनके लौटने की राह में रोड़े अटका रहे हैं और पार्टी के पदों को बेच रहे हैं। इसके साथ ही एम के अलागिरी ने दावा किया कि पार्टी के सभी वफादार कार्यकर्ता उनके साथ हैं और यदि द्रमुक ने उन्हें वापस नहीं लिया तो वह ‘‘अपनी ही कब्र खोदेगी।