महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की साइन की हुई फाइल से छेड़छाड़ और उसमें बदलाव करने की कोशिश का एक मामला सामने आया है, जो राज्य मंत्रालय के भीतर गंभीर उल्लंघन की ओर इशारा करता है। इस मामले में मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है।
उद्धव ठाकरे ने पीडब्लूडी के एक सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए जाने से संबंधित फाइल पर साइन किए थे। हालांकि, बाद में उनके हस्ताक्षर के ऊपर लाल स्याही से बदलाव किया गया और लिखा गया कि जांच को बंद कर देना चाहिए। इस मामले में जोन-1 के डीसीपी शशिकुमार मीना ने बताया, इस मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा,”मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर बेहद अहम और ताकत रखता है। कई बड़े मामलों में इसकी भूमिका अहम होती है और उनके साइन के बाद करोड़ों रुपये तक रिलीज किए जा सकते है। ऐसे में उनके साइन के साथ फर्जीवाड़े के मायने बहुत बड़े हैं।”
पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण को नाना पवार के खिलाफ जांच नहीं करने की बात पर हैरानी हुई। उन्होंने जब उद्ध ठाकरे का फाइल पर साइन देखा तो उन्हें गड़बड़ी का शक हुआ। असल में ठाकरे के साइन के ऊपर लिखा रिमार्क बेहद छोटे-छोटे अक्षरों में लिखा था।एक सीनियर पीडब्ल्यूडी अधिकारी के अनुसार, आम तौर पर जब आप कुछ लिखते हैं और फिर उसके नीचे साइन करते हैं तो बीच में काफी जगह छोड़ी जाती है ताकि पूरी बात उसमें आ सके।
शक होने के बाद चव्हाण ने फाइल को फिर क्रॉस-चेक के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा। एक अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारी के अनुसार, ‘मुख्यमंत्री का कार्यालय उनके साइन किए सभी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी रखता है। जांच में पाया गया कि उन्होंने जो दस्तावेज साइन किए थे, उसमें ये रिमार्क लिखा ही नहीं था। उद्धव ठाकरे ने साइन कर सभी प्रकार के जांच को मंजूरी दी थी। इस तरह फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।