केंद्र के किसान विरोधी रवैये और तेलंगाना में धान की खरीद पर असहयोगी रुख के खिलाफ राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंत्रिमंडल के साथ गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में तेलंगाना राष्ट्र समिति के अन्य नेता भी शामिल हुए। राव ने कहा, ‘‘हमने यह लड़ाई इसलिए शुरू की क्योंकि हमारे किसान समुदाय पर केंद्र की नीतियों के कारण असर पड़ सकता है। केंद्र सरकार किसानों तथा खेती के प्रति लापरवाही दिखा रही है और उसे नजरअंदाज कर रही है।’’
उन्होंने यहां धरना चौक पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम कहते हैं कि आप अपना रवैया बदलें, किसानों की मदद करें, निरंकुश कृषि कानूनों को वापस लें और खेतों में पम्प सेट पर मीटर लगाने की नीति बदलें। यह लड़ाई आज खत्म होने वाली नहीं है और हमें अंत तक लड़ना होगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से 50 दिन पहले राज्य से धान की अनुमानित खरीद के बारे में सूचित करने का अनुरोध किया गया था लेकिन केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला। राव ने कहा कि उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र को एफसीआई को इस बात की पुष्टि करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया कि रबी के मौसम के दौरान राज्य से कितना चावल खरीदा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे जब तक केंद्र हमारे कृषक समुदाय के साथ न्याय नहीं करता।’’ राज्य में सत्ता में रहने के बावजूद टीआरएस की, हाल में धरना देने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा आलोचना किए जाने पर राव ने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 2006 में 51 घंटे प्रदर्शन किया था।