अदालत ने 2018 में चार साल की एक बच्ची के यौन उत्पीड़न के जुर्म में 46 साल के एक व्यक्ति को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सत्र अदालत के न्यायाधीश पी एस शशिकुमार ने दोषी वी एस रवींद्रन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। राज्य में ऐसा यह पहला मामला है जिसमें यौन उत्पीड़न से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम में संशोधन के बाद सजा सुनाई गई है। मामला अप्रैल 2018 का है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोषी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 ए बी के तहत मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है।’’ आईपीसी की धारा 376 ए बी में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।