चुनाव आयोग द्वारा बीते दिन गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इस बार भी दो चरणों में चुनाव होने वाले है। एक और पांच दिसंबर को वोटिंग होगी। जबकि मतगणना 8 को होने वाली है। तमाम पार्टियां पिछले काफी समय से गुजरात में प्रचार प्रसार कर रही है। कांग्रेस ने भी अपनी कमर कस ली है, लेकिन उसके लिए भी ये राहें आसान नहीं होने वाली है। उसके सामने इस बार ना सिर्फ बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी भी खड़ी है। जो उसे कड़ी टक्कर दे रही है।
गुजरात के लिए कांग्रेस ने बनाया मास्टर प्लान
दरअसल, बीजेपी 27 सालों से गुजरात में सत्ता में बैठी है। उसे हराने के लिए कांग्रेस ने इस बार अपनी रणनीति में बदलाव किया है। कांग्रेस पार्टी को 2017 का अपना प्रदर्शन बरकरार रखते हुए उसमें और सुधार करने की चुनौती है। पार्टी इस बार बड़ी रैली और जनसभाओं के बजाए लोगों के घर तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के घरों तक जाकर अपनी बात पहुंचा रहे हैं।
कई जनसभाएं करेगी कांग्रेस
बता दें, कांग्रेस ने गुजरात को पांच हिस्सों में बांटकर 145 जनसभाएं और 95 बड़ी रैलियां आयोजित करने का प्लान बनाया है। ताकि वो भारी संख्या में लोगों तक पहुंच सके। इसके साथ ही कांग्रेस को उम्मीद है कि मोरबी की घटना का भी चुनाव पर असर पड़ सकता है। वो इसके बारे में लगातार बात भी कर रही है।
आम आदमी पार्टी से सावधान हुई कांग्रेस
वही, कांग्रेस आम आदमी पार्टी के लोकप्रियता और उसके प्रचार प्रसार से काफी सतर्क है। कांग्रेस जनता को ये यकीन दिलाना चाहती है कि आप सिर्फ वोट काटने के लिए चुनावी मैदान में उतरी है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे है।