मकर संक्रांति के स्नान को लेकर हरकी पैड़ी पर प्रतिबंध और दूसरी तरफ गंगा में डुबकी लगाने लायक जल नहीं होने से श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लगी। जबकि अधिकांश श्रद्धालु घाटों की रैलिंग पार कर जान खतरे में डालकर आगे जाकर स्नान करते रहे। दिनभर यही सिलसिला चलता रहा। हरकी पैड़ी से सटे सुभाषघाट में भी श्रद्धालुओं डुबकी लगाने लायक पर्याप्त जल नहीं मिला।
शुक्रवार को बिरला घाट, शिव घाट, अलकनंदा घाट, मायापुर सहित कई घाटों पर डुबकी लगाने लायक जल नहीं था। बिरला घाट के पास श्रद्धालु घाटों पर डुबकी लगाने लायक जल न होने के कारण घाट पर लगी रैलिंग के नीचे से निकलकर आगे आकर स्नान कर रहे थे। जबकि ऐसे में पानी का बहाव तेज होने से बहने का भी खतरा बना हुआ था।
लेकिन स्नान के दौरान जल पुलिसकर्मी भी यहां नजर नहीं आए। श्रद्धालु भूपेश कुमार, मंजीत सिंह, सुनील मिश्रा, पंकज भाटिया ने बताया कि स्नान करने के लिए हरकी पैड़ी आए थे। लेकिन यहां प्रतिबंध के बाद पास में ही बिरला घाट पर पहुंचे। जहां पहले से ही डुबकी लगाने लायक गंगाजल नहीं छोड़ा गया था। ऐसे में किसी तरह स्नान तो कर लिया। लेकिन निराशा हुई।