हरिद्वार : दो दिन से धर्मनगरी में बढ़ती भीड़ के चलते पूरा शहर जाम की चपेट में आ गया है। करीब 48 घंटे से हाईवे से लेकर शहर के अंदर तक सड़कें कांवड़ियों से पैक हैं। कई जगह पुलिस को लाठीचार्ज कर स्थिति को संभालना पड़ा। 17 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा रविवार को अपने अंतिम पड़ाव में पहुंची। प्रशासन के अनुसार अंतिम दिन करीब 40 से 45 लाख शिव भक्त जल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।
प्रशासन का दावा है कि अभी तक करीब साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जल भरकर रवाना हो चुके हैं। सोमवार को मुख्य रूप से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, नैनीताल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार लोकल के श्रद्धालुओं ने कांवड़ उठाई।
डाक कांवड़ के चलते दिनभर हरिद्वार की सड़कें पूरी तरह कांवड़ियों से पैक रही। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक डीजीपी अनिल रतूड़ी, डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार देहरादून से ही जिलाधिकारी से मेले की व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहे।
कांवड़ियों की पुलिस से तीखी झड़पें होती रही…सोमवार को कई बार चंडी घाट चौक, हरकी पौड़ी के पास और शंकराचार्य चौक व प्रेम नगर पुल के पास कांवड़ियों की पुलिस से तीखी झड़पें होती रही। हालांकि कहीं कोई गंभीर घटना सामने नहीं आई। अलबत्ता पुलिस ने कई जगह लाठियां फटकार कर कांवड़ियों को दौड़ाने का प्रयास किया। कांवड़ मेला लगभग संपन्न हो जाने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
अगर पुलिस प्रशासन के आंकड़ों पर नजर डाले तो अब तक करीब साढ़े तीन करोड़ शिवभक्त जल भरकर गंतव्य की ओर रवाना हुए हैं। जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी और एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने सकुशल संपन्न होने पर सहयोग करने वाले सभी अधिकारियों कर्मचारियों, स्थानीय नागरिकों, सामाजिक और व्यापारिक संगठनों का आभार जताया।