देहरादून : उत्तराखंड के बाबा बर्फानी के रूप में प्रख्यात टिंबरसैंण महादेव मंदिर को नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व से बाहर लाने के लिए प्रयास शुरू हो गए। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस बाबत देश के गृहमंत्री अमित शाह से बात की। रिजर्व की इनर लाइन के भीतर होने की वजह से टिंबरसैंण में पूर्जा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही महाराज ने चारधाम के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की मांग भी उठाई है।
महाराज ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को प्रथम चरण में घनसाली से घुत्तू होते हुए त्रिजुगीनारायण के लिए वैकल्पिक सड़क का प्रस्ताव दिया है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में महाराज ने कहा कि टिंबरसैंण महादेव मंदिर में अमरनाथ जी के समान गुफा के भीतर प्राकृतिक रूप से शिवलिंग निर्मित होते हैं। यह स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है। पर यह क्षेत्र रिजर्व के भीतर होने से वहां जाने के लिए विधिवत अनुमति लेनी पड़ती हैं।
सरकार चाहती है कि मंदिर क्षेत्र को इनर लाइन से बाहर कर दिया जाए। इससे श्रद्धालू आसानी से वहां पूर्जा-अर्चना के लिए जा सकेंगे। राज्य के संवेदनशील भौगोलिक हालात में वैकल्पिक मार्ग बनाना अनिवार्य हो चुका है। बकौल महाराज, वैकल्पिक मार्ग से जहां यात्रा भी आसान होगी। वहीं किसी आपदा की स्थिति में राहत-बचाव कार्य को प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।