देश में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी अब धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
तो वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को केंद्र से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन देने की योजना अगले छह महीने के लिए बढ़ाने की अपील की। ऐसी खबरें हैं कि 30 नवंबर को यह कार्यक्रम बंद किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी के फैलने पर लाखों लोगों के मुसीबतों से घिर जाने पर पिछले साल मार्च में यह योजना शुरू की गयी थी।
देश के गरीब लोग सबसे अधिक प्रभावित होंगे
वरिष्ठ तृणमूल सासंद सौगत राय ने संवाददताओं से कहा कि वह इस योजना की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को शीघ्र ही एक पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा ‘‘ यदि यह योजना बंद कर दी गयी तो अब भी इस महामारी के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रहे इस देश के गरीब लोगों सबसे अधिक प्रभावित होंगे।’’
केंद्र ने शुक्रवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने और खुला बाजार बिक्री योजना के तहत खाद्यान्न की अच्छी बिक्री के मद्देनजर पीएमजीकेएवाई को जारी रखने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
राज्य सरकार लोगों को मुफ्त राशन देती रहेगी
राय ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को मुफ्त राशन देती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ तेल के बढ़ते दाम के बीच आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राज्य एवं केंद्र से मदद की दरकार होगी। यदि केंद्र सरकार यह योजना बंद कर देती है तो इससे उनकी दुश्वारियां बढ जाएंगी।’’
उन्होंने केंद्र से अपनी योजना पर पुनर्विचार करने की उम्मीद करते हुए कहा, ‘‘मैं शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे योजना को अगले छह महीने के लिए बढ़ाने का अनुरोध करूंगा।’’ वह यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।