बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार मिन्ना जी की तीसरी पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार मिन्ना जी की तीसरी पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी)ः बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री अश्विनी कुमार मिन्ना जी की तीसरी पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए हरिद्वार के पत्रकारों एवं स्थानीय व्यापारियों व नेताओं ने उन्हें याद करते हुए वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में स्व. अश्विनी कुमार के चरण चिन्हों पर चलने के लिये पत्रकारों का आहवान किया।

श्री मिन्ना जी दूरदृष्टा थे ः   संजय चौहान
हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी)ः बीजेपी के पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री अश्विनी कुमार मिन्ना जी की तीसरी पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए हरिद्वार के पत्रकारों एवं स्थानीय व्यापारियों व नेताओं ने उन्हें याद करते हुए वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में स्व. अश्विनी कुमार के चरण चिन्हों पर चलने के लिये पत्रकारों का आहवान किया। इस मौके पर प्रिंट एवं इलैक्ट्रोनिक्स जर्नलिस्ट एसोशिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश चौहान ने कहा कि अश्विनी जी बेहद अनुभवी और ऑलराउंडर थे। वह एक अच्छे पत्रकार के साथ साथ अच्छे क्रिकेटर, सफल राजनेता भी थे, उन्हें हर विषय का ज्ञान था। उन्हें ज्योतिष शास्त्र, खगोल शास्त्र, इतिहास, राजनीति और विश्व के भूगोल की पूरी जानकारी थी। मैं उनका हर लेख बड़े ही ध्यान से पढ़कर हमेशा उनसे सीखता था। उनके संबंध सभी राजनैतिक पार्टियों के नेताओं से थे। चाहे मोदी जी, राजनाथ, स्व. अरुण जेतली, गुलाम नबी आजाद, स्व. शरद यादव, लालू यादव, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी। इतने बड़े कद्दावर व्यक्तित्व के स्वामी होते हुए भी उनके भीतर तिनका के समान भी घमण्ड नहीं था। कुल मिलाकर वो सर्वगुण सम्पन्न व्यक्ति थे, हैं और हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे हमारे मिन्ना जी। अपने भावुक विचार रखते हुए पंजाब केसरी के हरिद्वार प्रभारी संजय चौहान ने कहा कि पंजाब केसरी परिवार के लिए बहुत भावुक क्षण हैं। श्री मिन्ना जी दूरदृष्टा थे और कई बार भविष्य में होने वाली घटनाओं पर अपना स्पष्ट आकलन प्रस्तुत कर देते थे। जो आज वर्तमान के हालातों को देखकर सत्य प्रतीत भी हो रहा है। उनकी लेखनी दलगत राजनीति से कहीं ऊपर थी। यद्यपि वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे लेकिन उन्होंने बतौर सम्पादक अपने विचारों को व्यक्त करने में किसी दबाव को स्वीकार ही नहीं किया। उनकी लेखनी के आलोचक भी कोई कम न थे लेकिन उनके विरोधी भी यह स्वीकार करते थे और अक्सर कहते थे ‘‘लिखने में तो अश्विनी का कोई जवाब नहीं।’’ जिस बात को कहने में बड़े-बड़े हिम्मत नहीं दिखाते, वह उन्हें शब्दों की चाश्नी में भिगोकर आसानी से कह देते थे। उनकी स्पष्टवादी और तीखी कलम के चलते ही पंजाब केसरी दिल्ली ने बहुत जल्द ही प्रतिष्ठा हासिल कर ली। दिल्ली पंजाब केसरी का प्रकाशन एक जनवरी 1983 को हुआ था और आज पूरे 40 वर्ष बीतने के बाद भी ऐसा लगता है कि मानों कल ही कि बात है। इस मौके पर अपने विचार रखते हुए महालक्ष्मी व्यापार मंडल के संयोजक सुनील तलवार ने कहा कि अश्विनी कुमार मिन्ना जी कैंसर से जूझते हुए भी अपनी आत्मकथा लिखते रहे। वह हमेशा से ही सत्य के मार्ग पर चले, उनकी लेखनी कभी नहीं रुकी, वे कभी नहीं झुके, यह राष्ट्र की अस्मिता की संवाहक है, यह राष्ट्र को समर्पित है।
इस मौके पर महालक्ष्मी व्यापार मंडल के अध्यक्ष विष्णु अरोड़ा ने कहा कि 18 जनवरी का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री मिन्ना जी के परिवार का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। श्री मिन्न जी अक्सर अपनी लेखनी के जरिए अमर शहीद लाला जगत नारायण जी और शहीद रमेश चंद्र जी की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी बाते लिखा करते थे, जिन्हें पढ़कर हमें बेहद ही गौरव महसूस होता था। जिस प्रकार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी अमर शहीद लालाजी और अमर शहीद रमेश जी ने पत्रकारिता को लक्ष्य बनाया था, उसे आज भी याद किया जाता है। इस मौके पर पत्रकार
रजत चौहान व ऋषभ चौहान ने संयुक्त रूप से कहा कि श्री अश्विनी कुमार जी को मिशनरी पत्रकारिता अपनी विरासत में मिली थी। जिस प्रकार उनके दादा लाला जगत नारायण कभी ब्रिटिश हुकूमत से नहीं डरे थे व उनके पिता स्व. रमेश चन्द कभी खालिस्तानी आतंकवादियों से नहीं डरे थे। उसी प्रकार श्री अश्विनी कुमार जी भी पंजाब केसरी में बेबाक लिखते रहे। इस मौके पर सोशल मीडिया प्रभारी रामनाथ त्रिवाल ने कहा कि स्व. अश्विनी कुमार जी ने पत्रकारिता को उसी प्रखता के साथ जारी रखा, जिसकी नींव पूजनीय अमर शीहीद लाला जगत नारायण जी एवं अमर शहीद स्व. रमेशचंद जी ने रखी थी, साथ ही जिस जद्दोजहद को उन्होंने अपना सम्पादकीय धर्म बनाया था, उतनी ही जद्दोेजहद उन्होंने आत्मकथा लिखने में की थी, जिसके पढ़कर हम गर्व महसूस करते रहे। इस मौके पर वरिष्ठ छायाकार रामेश्वर गौड़ ने कहा कि अश्विनी कुमार पत्रकारिता के क्षेत्र में हर दिल अजीज पत्रकार थे। देश के अधिकांश लोग उनका सम्पादकीय लेख पढने के लिये सुबह से ही बैचैन रहते थे। स्व. अश्विनी कुमार ने अपने जीवन काल में मिशनरी पत्रकारिता के शिखर को छू लिया था। उनका लेख आने वाले समय में पाठकों को झकझोरते रहेंगे। इस मौके पर सबसे पहले पत्रकारों ने मिन्ना जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके उन्हें भावभीनी श्रद्घांजलि दी। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से संजय चौहान, वरिष्ठ छायाकार रामेश्वर गौड़, गंगा शरण अरोड़ा, श्रवण झा, अविक्षित रमन, रमेश अरोडा, प्रवीण भाटिया, वीरेन्द्र शर्मा बिट्टू, सरदार हरप्रीत सिंह, रामनाथ, अरशद, किशोर, कपिल अरोड़ा, ऋषभ चौहान, घनश्याम, सुरेश, बलवीर सिंह चौहान, मनीष कुमार, अमित कुमार आदि काफी पत्रकार मौजूद रहे।————————————————————————-
स्व. श्री अ‌श्विनी कुमार जी को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए व्यापारी एवं पत्रकारगण। (छाया : पंजाब केसरी)

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