तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अनुब्रत मंडल की जमानत अर्जी कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दी है दरअसल उनके ऊपर पशु तस्करी के आरोप लगे थे। जिसके बाद मामले में पूछताछ कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था।
मंडल ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि वह इस मामले में 145 दिन से भी अधिक हिरासत में है। जबकि मामले के मुख्य आरोपी बीएसएफ अधिकारी सतीश कुमार को केवल 33 दिनों के बाद जमानत मिल गई थी।
सीबीआई ने किया जमानत अर्जी पर विरोध
सीबीआई ने जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से पशु तस्करी मामले की जांच पटरी से उतर सकती है, क्योंकि वह (मंडल) गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति ए के गुप्ता की खंडपीठ ने जमानत अर्जी यह कहते हुए ठुकरा दी कि अदालत इस चरण में अर्जी स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है।सीबीआई का आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके मंडल बीरभूम जिले के रास्ते बांग्लादेश में पशुओं की निर्बाध तस्करी में मुख्य सहायक की भूमिका निभाते रहे हैं।मंडल के वकील ने दलील दी कि इस तरह के कोई साक्ष्य नहीं पाये गये हैं। मंडल पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष हैं।