तृणमूल कांग्रेस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के संबंध में हालिया टिप्पणी को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और कहा कि यह गुजरात विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक विमर्श बनाने के उद्देश्य से किया गया प्रयास है।
पंजाब के लोगों ने दिया है बलिदान
तृणमूल ने एक बार फिर दोहराया कि वह पश्चिम बंगाल में कानून लागू करने की अनुमति कभी नहीं देगी। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, चुनाव नजदीक आने पर हर बार भाजपा नए हथकंडे अपनाने की कोशिश करती है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा था कि गुजरात ने विदेश में प्रताड़ित सिख परिवारों को नागरिकता देकर उन्हें ये अहसास दिलाया है कि दुनिया में सिख कहीं भी हों, भारत उनका अपना घर है।
उन्होंने कहा था कि विभाजन में पंजाब के लोगों ने, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत भी की है और ‘‘विभाजन के शिकार हिन्दू-सिख परिवारों के लिए हमने सीएए कानून लाकर उन्हें नागरिकता देने का भी एक मार्ग बनाने का प्रयास किया है।’’
गुजरात चुनाव अब एकदम नजदीक आ गया – तृणमूल
मिली जानकारी के मुताबिक पता चला है कि घोष ने कहा कि जो लोग पाकिस्तान और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए थे, उन्हें पहले ही नागरिकता मिल चुकी है। उन्होंने कहा, सीएए का यह मुद्दा लोगों को बेवकूफ बनाने का प्रयास है। हर बार चुनाव आने पर, भाजपा सांप्रदायिक विमर्श बनाने के लिए यह मुद्दा उठाती है। यह एक पुरानी चाल बन गई है।’’
उन्होंने कहा, गुजरात चुनाव अब एकदम नजदीक आ गया है, भाजपा फिर से इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रही है। उसे अब विमर्श बनाने के लिए इस तरह के झूठ का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य महासचिव अग्निमित्र पॉल ने कहा कि पार्टी अपने वादे को निभाने के लिए जानी जाती है और सीएए इस संबंध में कोई अपवाद नहीं होगा।उन्होंने कहा, भाजपा हमेशा अपना वादा पूरा करती है। सीएए को भी पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा।यह कानून 2019 में अस्तित्व में आया लेकिन अभी तक इसके नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।