बीएसएफ ( सीमा सुरक्षा बल) के एक अधिकारी ने कहा है कि, त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर अगले वर्ष तक पूरी तरह बाड़बंदी कर दी जाएगी, ताकि पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बीएसएफ के महानिरीक्षक (त्रिपुरा फ्रंटियर) सुशांत कुमार नाथ ने कहा कि, पूर्वोत्तर राज्य में 856 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के 80-85 फीसदी हिस्से में पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, पिछले साल त्रिपुरा के पूर्वी क्षेत्र में पर्याप्त बाड़बंदी लगाने का काम किया गया है, और 31 किलोमीटर के संवेदनशील खंड पर काम प्राथमिकता के आधार पर किया गया है।
पिछले साल लगाई गई 10 किसी की बाड़
सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ने बताया कि, राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में एकल पंक्ति बाड़ लगाने के कार्य में गति आई है और पिछले साल 10 किमी की बाड़ लगाई गई। अधिकारी ने कहा कि, बाड़ लगाने के काम के साथ ‘फ्लड लाइट’ लगाने का काम भी चल रहा है। उन्होंने कहा, हमें अगले साल तक राज्य में भारत-बांग्लादेश सीमा के पूरे हिस्से में बाड़बंदी और फ्लड लाइट लगाने का काम पूरा होने की उम्मीद है। त्रिपुरा में उग्रवाद पर काबू पाने में बीएसएफ की उपलब्धि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि, 2017 से अब तक 31 एनएलएफटी विद्रोहियों ने सीमा प्रहरियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
दो उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि, प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के दो और उग्रवादियों ने आज बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उनमें से एक ने हथियारों का प्रशिक्षण लिया था। अधिकारी ने बताया कि, बीएसएफ ने 218 लोगों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया और पिछले साल 35.64 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिबंधित सामग्री जब्त की।