उत्तराखंड के चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार शाम तक 12 शव बरामद हुए। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 50 पहुंच गया। 12 शवों में से 11 शव तपोवन सुरंग से बरामद हुए और एक शव रैणी गांव में मिला। पिछले आठ दिनों से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि लापता 204 लोगों में से 44 मिल गए हैं। 160 लोग अभी भी लापता हैं। आईटीबीपी के जवान स्निफर डॉग की मदद से रैणी गांव में लापता लोगों को ढूंढ रहे हैं। एक्सकैवेटर जैसे अन्य मशीनों को लाए जाने के साथ बचाव अभियान में तेजी आई है।
ऋषिगंगा नदी के ऊपर भारतीय सेना ने लोगों के आवागमन के लिए एक अस्थाई पुल का निर्माण किया है। भारतीय सेना के मेजर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया, “जब तक स्थाई पुल का निर्माण नहीं होता है तब तक हम इस अस्थाई पुल का इस्तेमाल कर लोगों को इस पार से उस पार भेज सकते हैं।”
उत्तराखंड के ऋषि गंगा में आए बर्फीले तूफान और जल स्तर में हुई वृद्धि के कारण जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन को 164 लापता लोगों की तलाश है। आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए हैं। सड़क संपर्क से कटे इन इलाकों में राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है।