उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने आपको साइबर ब्लैकमेलिंग का शिकार बताने संबंधी एक अधिवक्ता की जनहित याचिका पर फेसबुक, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने फेसबुक इंडिया प्रमुख, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को अपना जवाब तीन सप्ताह के भीतर दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट की खंडपीठ ने मामले में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक तथा हरिद्वार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी नोटिस भेजे हैं। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ धोखेबाज लोग फर्जी फेसबुक खातों के जरिए लोगों के फेसबुक खाते हैक कर रहे हैं और उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करके इंटरनेट पर अश्लील वीडियो बनाए जा रहे हैं।
इन वीडियो और खातों का इस्तेमाल लोगों को ब्लैकमेल करने तथा उनसे लाखों रुपये ऐंठने में किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि फर्जी फेसबुक खातों से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है और इन्हें स्वीकार करते ही उनकी तस्वीरें लेकर अश्लील वीडियो बना दिए जाते हैं। याचिका के अनुसार, इसके बाद लोगों को पैसों के लिए ब्लैकमेल किया जाता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि इसी प्रकार का एक वीडियो उन्हें भी भेजा गया था और इस संबंध में उन्होंने हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को शिकायत दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।अधिवक्ता ने कहा कि इसके बाद उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदन दिया कि ऐसे कितने मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में अब तक 45 पीड़ित शिकायतें दर्ज करा चुके हैं और उनकी शिकायतें अभी विचाराधीन हैं।