देश में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव होने है, जिनमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है। ऐसे में प्रदेश की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार विरोधियों पर निशाना साध रही है। लेकिन इसी बीच उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत ने शनिवार को परोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस नेता हरीश रावत को निशाना बनाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को जितना अधिक निशाना बनाया जाता है, वह उतना ही मजबूत होता जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या हरीश रावत को निशाना बनाने से भाजपा की चुनावी संभावनाएं मजबूत होंगी, हरक ने संवाददाताओं से कहा, मेरा अनुभव बताता है कि जितना अधिक आप किसी प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाते हैं, वह उतना ही मजबूत होता जाता है। मेरी रणनीति अलग होती। मैं किसी ऐसे व्यक्ति को निशाना बनाता जिसे मैं दौड़ में शामिल करना चाहता।
उत्तराखंड के लिए कांग्रेस के चुनाव प्रचार प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर को देहरादून में हुई अपनी रैली के दौरान बार-बार निशाना बनाया था। शाह ने कांग्रेस महासचिव को 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए स्टिंग वीडियो की याद दिलाई थी, जिसमें कथित तौर पर वह बागी विधायकों का समर्थन वापस पाने के लिए एक सौदे पर बातचीत करते दिखे थे।
केंद्रीय मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री को इस बात पर भाजपा के साथ खुली बहस की चुनौती दी थी कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य के लिए क्या किया। अपनी बेबाकी के लिए जाने जाने वाले हरक ने कहा कि उत्तराखंड में लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है, न कि हरीश रावत और (मुख्यमंत्री) पुष्कर सिंह धामी के बीच है।
उन्होंने कहा, यह भाजपा बनाम कांग्रेस है। हरीश रावत बनाम पुष्कर सिंह धामी नहीं। यह व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं है। यह दो दलों के बीच विचारधारा की लड़ाई है जिसमें कांग्रेस कहीं नहीं टिकती। उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।